Earthquake special khuda shayari April 28, 2015 1जिन्दगी गुजर जाती हैएक मकान बनाने में। और कुदरत उफ़ तक नहीं करती बस्तियाँ गिराने में।ना उजाड़ ए – खुदा…. किसी के आशियाने को,वक़्त बहुत लगता है, एक छोटा सा घर बनाने को…!