जिन्दगी गुजर जाती है
एक मकान बनाने में।
और
कुदरत उफ़ तक नहीं करती बस्तियाँ गिराने में।
ना उजाड़ ए – खुदा….
किसी के आशियाने को,
वक़्त बहुत लगता है,
एक छोटा सा घर बनाने को…!
Shayaris for people in Love...
जिन्दगी गुजर जाती है
एक मकान बनाने में।
और
कुदरत उफ़ तक नहीं करती बस्तियाँ गिराने में।
ना उजाड़ ए – खुदा….
किसी के आशियाने को,
वक़्त बहुत लगता है,
एक छोटा सा घर बनाने को…!